नसरुल्लागंज, 9 अगस्त 2019, दिव्यांश राठौर
विश्व आदिवासी दिवस पर क्षेत्र के हजारो आदिवासियो ने जुलुस निकाला ।
नगर मे आदिवासी महिला एवं पुरषो का नगर वासियो ने किया भव्य स्व्गत । इस अवसर पर टिन्नी अग्रवाल, लच्छू वैष्णो , जीवन मेहरा और भी कई लोगो ने पुष्प माला से स्वागत किया। ढोल की धुन पर सेकडो आदिवासी महिला और पुरषो ने मानया विश्व आदिवासी दिवस।
विश्व आदिवासी दिवस पर सन्तोष धुर्वे ने समाज के लोगो को सम्वोधीत करते हुए बताया कि विश्व आदिवासी दिवस क्यों मनाया जाता है और प्रथम आदिवासी दिवस 9 अगस्त 1984 को मनाया गाया था। सन्तोष धुर्वे ने कहा कि भारत की तत्कालिक सरकारो ने आदिवासियो के साथ धोखा करते हुये भारतीय आदिवासियो के मौलिक अधिकारो का हनन किआ है। लेकिन सयुक्त राष्ट संघ के निर्देश पर 9 अगस्त 2016 से भारत मे यह दिवस मानना चालू किया गया और मध्यप्रदेश मे 106 जातियो को शामिल किया गया हे।
सन्तोष जी ने बताया कि सबसे ऊपर गोंड जाती को राखा गया लेकिन मध्यप्रदेश मे अज्ञानता एवं शिक्षा के क्षेत्र मे गोंड जाती पिछड़ी जाती होने के कारण्ड आज गोंड जाती आदिवासियो मे सबसे पीछे 106 नंबर पर पहुच गाई हे । और भी कई लोगों ने उस मंच से अपनी समाज को लेकर लोगों में जागरूकता लाने के लिए और अपने आप को मजबूती देने के लिए और समाज को एक नंबर पर लाने के लिए आव्हान किया।