10 लाख कर्मचारियों को वित्त विभाग ने मंजूरी दी 2% महंगाई भत्ते (डीए) देने की । मार्च से इसे लागू कर दिया जाएगा। एरियर की राशि सरकार जीपीएफ खाते में जमा करेगी।
डीए बढ़ाने पर राज्य सरकार पर 1098 करोड़ रुपए सालाना का भार आएगा। पिछले 6 महीने से डीए रुके होने से कर्मचारियों में गुस्सा था । इन 10 लाख कर्मचारियों में शासकीय, शिक्षक संवर्ग, पेंशनर्स, पंचायत सचिव और स्थाई कर्मचारी समलित हैं।
सातवां वेतनमान लागू होने के बाद केंद्र सरकार ने जुलाई 2018 से अपने कर्मचारियों का डीए दो फीसदी बढ़ाकर नौ फीसदी कर दिया था, जबकि मप्र में यह 7 फीसदी था। अब दो फीसदी डीए की मंजूरी के बाद मप्र के कर्मचारी केंद्रीय कर्मचारियों के बराबरी पर आए हैं। हालांकि केंद्र सरकार का एक जनवरी 2019 से मिलने वाला डीए फिर पेंडिंग हो गया है। मप्र में सामाजिक सुरक्षा पेंशन के दायरे में 41 लाख बुजुर्ग हैं। 60 से लेकर 80 वर्ष तक के बुजुर्गों को अभी 300 रुपए तथा 80 वर्ष से अधिक आयु वालों को 500 रुपए प्रतिमाह पेंशन मिलती है। अब सरकार ने इसे एक समान करते हुए 600 रुपए प्रतिमाह कर दिया है। इससे सरकार पर सालाना 1300 करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार आएगा। रिवाइज्ड पेंशन एक अप्रैल 2019 से लागू होगी।
रिद्धिमा