सतना परसमनिया
गुरु पूजनीय होते है यह सभी जानते है लेकिन इस कलयुग के गुरु ने 4 साल की मासूम को पहले घर से अगवा किया और फिर उसके साथ दुष्कर्म किया. मासूम को मरा समझ वह उसे वहीं छोड़कर भाग गया. बच्ची की नाजुक हालत की वजह से उसे एयरलिफ्ट कर सतना से दिल्ली भेझा गया था. इस मामले में आरोपी के डेथ वारंट पर साइन हो गए हैं. 2 मार्च को उसे फांसी दी जाएगी
मध्य प्रदेश में सतना जिले के परसमनिया गांव में 4 साल की एक मासूम के दुष्कर्मी महेन्द्र सिंह गोंड़ को 2 मार्च को सुबह 5 बजे जबलपुर स्थित नेताजी सुभाष चंद्र बोस केंद्रीय कारागार में फांसी दी जाएगी. इस मामले में निचली अदालत द्वारा दी गई फांसी की सजा एमपी हाईकोर्ट द्वारा बरकरार रखे जाने के बाद शनिवार को दिनेश शर्मा की अदालत ने दुष्कर्मी का डेथ वारंट जारी कर दिया.
1 जुलाई 2018 की रात 4 साल की एक मासूम को अगवा कर दुष्कर्म करने के आरोप में महेन्द्र सिंह गोंड़ को गिरफ्तार किया गया था. परसमनिया पीडि़ता की हालत नाजुक होने पर घटना के दूसरे दिन ही तत्कालीन कलेक्टर मुकेश शुक्ला ने तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से बात कर पीड़िता को यहां से एयरलिफ्ट कराते हुए नई दिल्ली स्थित एम्स में भर्ती कराया था.
वारदात के 81 दिन के अंदर पुलिस विवेचना हुई और कोर्ट का फैसला भी आ गया था. कोर्ट ने 47 दिन की सुनवाई के बाद फैसला सुना दिया था. अपर सत्र न्यायाधीश दिनेश शर्मा की अदालत ने आरोप प्रमाणित पाए जाने पर महेन्द्र को 19 सितंबर 2018 फांसी की सजा सुनाई थी.
हाई कोर्ट ने आरोपी की याचिका को खारिज करते हुए फांसी की सजा को बरकरार रखा. 2 फरवरी को नागौद न्यायालय ने डेथ वारंट जारी कर दिया है. जिसके संबंध में 2 मार्च को सुबह 5 बजे जबलपुर सेंट्रल जेल में फांसी की सजा मुकर्रर की गई है. अभी भी आरोपी के पास ऑप्शन है कि वह सुप्रीम कोर्ट और माननीय राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका लगा सकता है