पहले तीन लाख तक की टैक्सेबल इनकम पर ढाई हजार का टैक्स लगता था, उसे सेक्शन 87A के तहत पूरी रिबेट मिलती थी. इसके बाद साढ़े तीन लाख तक की टैक्सेबल इनकम पर पांच हजार रुपये टैक्स लगता था और उसे भी ढाई हजार की रिबेट मिलती थी. जबकि 4 लाख तक की टैक्सेबल इनकम पर साढ़े सात हजार रुपये की छूट मिलती थी वहीं, 5 लाख तक की टैक्सेबल इनकम पर साढ़े 12 हजार रुपये, और 10 लाख तक की टैक्सेबल इनकम पर 1,12,500 रुपये का टैक्स पड़ता था.
बजट के बाद कितना फायदा
3,50,000 रुपये तक की टैक्सेबल इनकम वालों को 2600 रुपये का फायदा होगा.
4,00,000 रुपये तक की टैक्सेबल इनकम वालों को 7800 का फायदा मिलेगा.
5,00,000 रुपये तक की टैक्सेबल इनकम वालों को 13 हजार रुपये का फायदा होगा.
10,00,000 रुपये की टैक्सेबल इनकम पर जितना टैक्स पहले था यानी अब भी 1,12,500 रुपये का टैक्स लगना जारी रहेगा.
एक फरवरी को अंतरिम बजट पेश करते हुए पीयूष गोयल ने 5 लाख रुपये तक की कमाई पर आयकर छूट देने की घोषणा की. इस बजट के बाद केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के चेयरमैन सुशील चंद्रा ने कहा कि 2019-20 के बजट प्रस्ताव को स्पष्ट करते हुए कहा कि 5 लाख रुपये से अधिक की सालाना आय वालों के लिए ‘पुरानी’ कर दर लागू रहेगी. हालांकि, जिन लोगों की कर योग्य आय 6.5 लाख रुपये सालाना है वे भी कर छूट प्राप्त कर सकते हैं. इसके लिए उन्हें विशेष निवेश योजना मसलन कर्मचारी भविष्य निधि (PPF), सामान्य भविष्य निधि (GPF) और बीमा वगैरह में डेढ़ लाख रुपये तक का निवेश करना होगा.