पी. चिदंबरम पर आरोप लगाया गया था कि 2007 में जब वह वित्त मंत्री थे, उस वक्त आईएनएक्स मीडिया को 305 करोड़ रुपये की विदेशी धनराशि प्राप्त करने के लिए विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी दिलाई गई थी।
इस मामले को लेकर उनपर मुकदमा चलाने के लिए केंद्र सरकार से मंजूरी मांगी गयी है.
सीबीआई ने इस मामले में 15 मई 2017 को केस दर्ज किया था. इसमें चिदंबरम पर आरोप लगाया गया था कि 2007 में जब वह वित्त मंत्री थे, उस वक्त आईएनएक्स मीडिया को 305 करोड़ रुपये की विदेशी धनराशि प्राप्त करने के लिए विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी दिलाने में अनियमितता बरती गई. इस मामले में कथित रूप से 10 लाख रुपये हासिल करने के लिए चिदंबरम के बेटे कार्ती चिदंबरम को गिरफ्तार किया गया था.
दूसरी ओर सु्प्रीम कोर्ट ने चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम की उस याचिका की सुनवाई 28 जनवरी तक के लिए टाल दी है जिसमें विदेश जाने की इजाजत मांगी गई थी. कार्ति की याचिका पर जवाब दायर करने के लिये प्रवर्तन निदेशालय की तरफ से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता द्वारा और वक्त मांगे जाने के बाद प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने मामले में सुनवाई स्थगित कर दी.
कार्ति ने याचिका में कहा था कि वह अगले कुछ महीनों के दौरान फ्रांस, स्पेन, जर्मनी और ब्रिटेन की यात्रा करना चाहते हैं. सीबीआई ने इस याचिका का विरोध किया था.
इसमें कहा गया कि कार्ति ‘पूर्व खिलाड़ी, मौजूदा प्रशासक और उद्यमी’ के तौर पर टेनिस से जुड़े हुए हैं. याचिका में कहा गया है कि 21 से 27 जनवरी तक उनकी उपस्थिति टोटस की समीक्षा और संचालन बैठकों के लिहाज से जरूरी है. कार्ति प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई द्वारा दर्ज किए गए आपराधिक मामलों में जांच का सामना कर रहे हैं.