क्यों मनाया जाता है अप्रैल फूल डे?

1 april 2020, bhopal, riddhima

क्यों मनाया जाता है अप्रैल फूल डे? क्या है इसका इतिहास?

1 अप्रैल को अप्रैल फूल डे मनाया जाता है। अप्रैल फूल को मूर्ख दिवस भी कहा जाता है। 

अप्रैल फूल डे केवल भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में मनाया जाता है। कुछ देशों में 1 अप्रैल को छुट्टी होती है। लेकिन भारत सहित कुछ देशों में अप्रैल फूल के दिन कोई छुट्टी नहीं होती है। 1 अप्रैल को हर तरह का मजाक करने की छूट होती है। यही नहीं जिनके साथ मजाक होता है वह बुरा भी नहीं मानते।

पहली बार अप्रैल फूल डे कब मनाया गया इसके बारे में कोई खास जानकारी नहीं है। लेकिन कुछ लोगों का मानना है कि फ्रेंच कैलेंडर में होने वाला बदलाव भी अप्रैल फूल डे मनाने का कारण हो सकता है। वहीं कुछ लोग मानते हैं कि इंग्लैंड के राजा रिचर्ड द्वितीय की एनी से सगाई के कारण अप्रैल फूल डे मनाया जाता है। कुछ लोग इसे हिलारिया त्यौहार से भी जोड़ कर देखते हैं। 

भारतीयों का मानना है कि अप्रैल फूल अंग्रेजों ने भारत के लोगों को मूर्ख बताने के लिए किया था क्योंकि अप्रैल 1 तारीख को भारत के लोग नया साल मनाते हैं जो कि विक्रमी संवत के हिसाब से होता है अंग्रेजों ने भारतीय लोगों को मूर्ख कहने के लिए इस दिन की शुरुआत करी थी इसलिए उन्होंने अप्रैल फूल की शुरुआत करी

1508 में एक फ्रांसीसी कवि ने एक प्वाइजन डी एवरिल (अप्रैल फूल, जिसका शाब्दिक अर्थ है “अप्रैल फिश”) का सन्दर्भ दिया, जो एक संभावित छुट्टी की तरफ इशारा करता है।] 1539 में फ्लेमिश कवि ‘डे डेने’ ने एक अमीर आदमी के बारे में लिखा जिसने 1 अप्रैल को अपने नौकरों को मूर्खतापूर्ण कार्यों के लिए भेजा था। 1686 में जॉन ऑब्रे ने इस छुट्टी को “मूर्खों का पवित्र दिन” कहा जो पहला ब्रिटिश संदर्भ है। 1 अप्रैल 1698 को कई लोगों को “शेर की धुलाई देखने” के लिए धोखे से टावर ऑफ लंदन में ले जाया गया था।”अप्रैल फूल” का नाम ‘फीस्ट ऑफ फूल’ की तरह प्रतिध्वनित होता है जो मध्यकाल में 28 दिसम्बर को मनाया जाने वाला एक छुट्टी का दिन था।

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