5 दिसंबर 2019
नसरुल्लागन्ज, ( सीहोर )
दिव्यांश राठौर
4 दिन से अतिक्रमण के खिलाफ लाड़कुई मे भूख हड़ताल पर बेठे कॉंग्रेसी नेता को प्रशासन ने बलपूर्वक हटाया
4 दिन से गांधीगिरी के माध्यम से प्रशासन की नाक मे दम करने वाले एवं लाड़कुई मे अतिक्रमण के खिलाफ अपनी आवाज को बुलंद कर भूख हड़ताल पर बेठे कॉंग्रेसी नेता कंचन सिंह ठाकुर को आज प्रशासन ने बलपूर्वक बहा से हटाकर नसरुल्लागन्ज हॉस्पिटल मे भर्ती करवाया हें, एसडीएम, तहसीलदार एवं एक दर्जन से अधिक पुलिस के जवानो ने उनके साथ जानवरो जेसा बर्ताव कर जबरदस्ती हाथ पेर पकड़ कर बलपूर्वक एंबुलेंस मे ठूंस दिया गया।
जब प्रशासन से इस प्रकार की अमानवीय तरीके से हटाने का कारण पूछा गया तो उन्होने उनका स्वास्थ का हवाला देते हुए मानवीयता के आधार पर उचित इलाज का बोलकर चलते बने।
अब बड़ा सवाल ये हें की प्रशासन को अगर इतनी ही चिंता होती तो पिछले पांच साल से अतिक्रमण के खिलाफ दर दर की खाक छान रहे थे तब ये प्रशासन कहा गया था, प्रशासन की एक तरफा कार्यवाही से भी कई सवाल उठे, किसी भी हालात मे हिंसा का समर्थन नही किया जा सकता किन्तु वर्तमान मे शासकीय स्कूल की आधे से अधिक भूमि पर कब्जा कर रखा हें वही लंबे समय से अतिक्रमण से जूझ रहे लाड़कुई को स्वच्छ करने के लिए जब गांधीगिरी भी अपनाई गई तो प्रशासन ने कॉंग्रेसी नेता के साथ ही जानवरो जेसा व्यवहार कर हॉस्पिटल मे लाकर जबरन अनशन तुड़वाने की कोशिश की गई, वही सुनने मे यह भी आया हें की उनके लड़के को भी उठाकर थाने मे बिठा गया हालंकि सभी अधिकारी इस बात को नकारते रहे, इस दौरान प्रशासन द्वारा अतिक्रमण कारियों पर भी कोई बड़ी कार्यवाही देखने को नही मिली जबकि कल ही नायाब तहसीलदार रमा कलूवा ने आज बलपूर्वक अतिक्रमण हटाने का जरूर बोला था किन्तु अतिक्रमणकारियों पर छोटी मोटी कार्यवाही कर भूख हड़ताल पर बेठे कॉंग्रेसी नेता को ही जोर जबरदस्ती कर बहा से हठा दिया गया।
प्रशासन का का पक्ष
जब कॉंग्रेसी नेता के साथ इस प्रकार के अमानवीय व्यवहार के बाद जब नसरुल्लागन्ज एसडीएम के के रावत से उनका पक्ष जानना चाहा तो उन्होने बताया की अनशन के दौरान कंचन ठाकुर की तबीयत ज्यादा खराब होती जा रही थी इसलिए उन्हें यहा हॉस्पिटल मे भर्ती कराया गया हें किन्तु अतिक्रमण कारियों पर कार्यवाही के प्रशन पर केस चल रहा हें सभी को नोटिस भेज कर कार्यवाही की जाएगी, इसी प्रकार तबीयत खराब होने की बात एसडीओपी प्रकाश मिश्रा ने भी कही, अब बड़ा सवाल ये बनता हें की जब प्रशासन को श्री ठाकुर की इतनी ही चिंता थी तो पिछले पांच साल से अतिक्रमण खिलाफ सभी को अवगत कराने के बाद भी उनकी सुध क्यू नही ली, जानकारी मे यह भी आया हें की जब भूख हड़ताल पर बेठे थे तब भी किसी प्रकार की कोई जांच नही की गई, अब देखना ये हें की क्या प्रशासन लाड़कुई को अतिक्रमण मुक्त कर पाता हें या ऐसे ही सच्चाई के साथ रहने वालो की आवाज को बलपूर्वक दवाता रहेगा