रायसेन: स्कूल चले हम अभियान का शुभारंभ

रायसेन, 25 जून 2019, Edited by Monu.S

स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ प्रभुराम चौधरी जिले के दीवानगंज, सलामतपुर तथा सांची में स्कूल चले हम अभियान के तहत आयोजित प्रवेशोत्सव कार्यक्रम में सम्मिलित हुए एवं छात्राओं को साईकिल तथा किताबें वितरित की।


डॉ चौधरी ने कहा कि प्रत्येक माता-पिता का सपना होता है कि उसके बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले। इसलिए जब से मैंने स्कूल शिक्षा विभाग का प्रभार संभाला है मेरा यही प्रयास है कि बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले। बच्चों के भविष्य को उज्जवल बनाने में अभिभावक, शिक्षकों का महत्वपूर्ण योगदान होता है। इसके लिए हमने सबसे पहले प्रदेश के सभी स्कूलों में पेरेंट-टीचर मीटिंग करवाने का निर्णय लिया और इसको लागू भी किया है। हमें पहली मीटिंग में ही काफी सकारात्मक परिणाम मिले और बड़ी संख्या में अभिभावक अपने बच्चों के स्कूल पहुंचे तथा बच्चे की शैक्षणिक गतिविधियों की जानकारी ली। उन्होंने बताया कि अब प्रत्येक तीन माह में एक बार अनिवार्य रूप से और वर्ष में चार बार पेरेंट-टीचर मीटिंग होगी। मीटिंग के माध्यम से अभिभावकों को बच्चे की स्कूल में उपस्थिति, उसकी शैक्षणिक स्थिति की जानकारी प्राप्त होगी। शिक्षकों को भी अभिभावकों से बच्चों की शैक्षणिक गतिविधियों से जुड़ी जानकारी मिलेगी। उन्होंने कहा कि बच्चे मन लगाकर पढ़ाई कर सके, इसके लिए स्कूलों में बेहतर शैक्षणिक परिवेश उपलब्ध कराया जा रहा है।

इस अवसर पर स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा कि बच्चे देश का भविष्य हैं और भविष्य की बुनियाद को मजबूत करने के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा आवश्यक है। बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके, इसके लिए प्रदेश में योजनाबद्ध तरीके से काम किया जा रहा है।


डॉ प्रभुराम चौधरी ने कहा कि स्कूल चलें हम अभियान एक महत्वपूर्ण अभियान है और इसमें सभी की सहभागिता जरूरी है। उन्होंने सभी अभिभावकों, शिक्षकों तथा नागरिकों से आव्हान किया वे स्कूल चलें हम अभियान में विशेष रूचि लेते हुए अपने परिवार के बच्चों, अपने आस-पड़ोस के बच्चों, मिलने-जुलने वालों के बच्चों तथा क्षेत्र के बच्चों को स्कूल में पहुंचाने के लिए सक्रिय सहभागिता निभाएं। ताकि प्रत्येक बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके।


मंत्री ने शिक्षकों से कहा कि हमारा उद्देश्य बच्चों का स्कूल में दाखिला करना नहीं है, बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना भी है। बच्चों को किताबी ज्ञान देने के साथ-साथ खेल, संगीत, चित्रकारी सहित अन्य क्षेत्रों में आगे बढ़ाना है, ताकि उनका सर्वांगीण विकास हो सके। उन्होंने कहा कि प्रतिभाएं हर जगह होती है बस उन्हें तराशने और सही मागदर्शन की आवश्यकता होती है। जिसके बाद वह राज्य, देश और विदेश में अपना और अपने क्षेत्र का नाम रौशन करती हैं। उन्होंने कहा कि स्कूलों में बच्चों के लिए शिक्षा के अनुकूल वातावरण उपलब्ध कराने के साथ ही फर्नीचर, अतिरिक्त कक्षों सहित अन्य आधारभूत सुविधाओं की आवश्यकतानुसार उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है।


डॉ चौधरी ने कहा कि स्कूलों में बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए निरंतर काम किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि हमने प्रदेश के स्कूलों में कक्षा 9वी से 12वीं तक के सिलेवश में एनसीआरटी की किताबों को भी शामिल किया गया है। इसी प्रकार शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए कक्षा पांचवी और आठवीं कक्षा को पुनः बोर्ड परीक्षाएं किया गया हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए प्राचार्यो तथा वरिष्ठ अधिकारियों के दलों को दक्षिण कोरिया तथा दिल्ली भेजा गया है। यह दल वहां की शिक्षा व्यवस्था को देखेंगे, समझेंगे और फिर प्रदेश में भी लागू कर सकेंगे।

उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार ने शिक्षकों की स्थानांतरण नीति को ऑनलाईन कर दिया है और इससे पारदर्शिता भी बढ़ी है। अब शिक्षक स्थानांतरण के लिए ऑनलाईन आवेदन कर सकते हैं।


साईकिल वितरण कार्यक्रम में कलेक्टर श्री उमाशंकर भार्गव ने कहा कि सफलता प्राप्त करने के लिए समय का प्रबंधन, कठिन परिश्रम और उचित मार्गदर्शन जरूरी होता है। छात्र समय का प्रबंधन कर पढ़ाई, खेलने के लिए समय निर्धारित करें। सही दिषा में किया गया परिश्रम ही सार्थक है इसलिए छात्रों को पढ़ाई के दौरान दुविधा या परेशानी होने पर तुरंत अपने शिक्षकों से परामर्ष लेना चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Translate »