कटनी – दिव्यांगजन कल्याण के क्षेत्र में मध्यप्रदेश देश का अग्रणी राज्य है। मध्यप्रदेश सरकार शासकीय नौकरियों में 6 प्रतिशत आरक्षण दिव्यांगजन को प्रदान करता है। जो अन्य राज्यों से दो प्रतिशत अधिक है। यह बात आयुक्त सामाजिक न्याय श्री आरआर भौंसले ने सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग, दिग्दर्शिका पुनर्वास एवं अनुसंधान संस्थान तथा सक्षम मध्य भारत संस्था के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के शुभारंभ अवसर पर कही।आयुक्त श्री भौंसले ने कहा कि दिव्यांगजन को आर्थिक आत्मनिर्भरता प्रदान करने के लिये शासन और सामाजिक संस्थाओं द्वारा लगातार प्रयास किये जा रहे है। उन्होंने कहा कि यह एक निरंतर प्रक्रिया है, इसलिए दिव्यांगजन को उच्च शिक्षा के साथ तकनीकीशिक्षा पर जोर दिये जाने की आवश्यकता है। प्रदेश में दिव्यांगजन को शासकीय नौकरियों में देश में सर्वाधिक 6 प्रतिशत आरक्षण प्रदान किया जा रहा है। दिव्यांगजन के लिये पुनर्वास पॉलिसी बनाना राज्य सरकार के संकल्प पत्र का हिस्सा भी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 56 विभागों में दिव्यांगजन के लिये आरक्षित 13 हजार पदों की भर्ती के लिये समयबद्ध कार्यक्रम सामान्य प्रशासन विभाग के साथ बनाया जा रहा है। राज्य सरकार रोजगार मूलक ऋण योजनाओं में दिव्यांगजन को गारंटी मुक्त ऋण मुहैया कराने की योजना है। उन्होंने कहा कि कार्यशाला के दो दिवस में विचार मंथन के बाद निकले निष्कर्ष पर विभाग अपनी कार्य योजना बनाएगा।आयुक्त निःशक्तजन श्री संदीप रजक ने कहा कि प्रदेश में दिव्यांगजन कल्याण के लिये लगातार कार्य किये जा रहे है। दिव्यांगजन को आर्थिक आत्मनिर्भरता के लिये व्यावसायिक शिक्षा-प्रशिक्षण दिये जाने की आवश्यकता है। दो दिवसीय कार्यशाला में देश के ख्यातिप्राप्त विषय-विशेषज्ञों के द्वारा अपने विचार और अनुभव साझा किये जायेंगे। जिनके सुझावों पर प्रदेश में कार्य किया जायेगा।संगौष्ठी में श्री अखिल पॉल, श्री सुमित रॉय, श्री रविन्द्र कोपरगॉवकर, डॉ. डीएस कुशवाह सहित अन्य विशेषज्ञगण उपस्थित थे।