भोपाल, 13 अप्रैल 2019
सीबीएसई ने अधिसूचना मे कहा था कि बच्चों को कलात्मक तरीके से शिक्षा दी जाए तो वे बेहतर तरीके से सीखेंगे। 6वीं से 8वीं के विद्यार्थियों को चित्रकला, नृत्य-संगीत ही नहीं बल्कि अनिवार्य रूप से पाक कला भी सिखाएं।
सर्कुलर में कहा गया है कि सभी स्कूलों को सप्ताह में कम से कम दो कक्षाएं कला की लगानी होंगी। बोर्ड ने सुझाव भी दिया है कि कला के 4 मुख्य क्षेत्रों- संगीत, नृत्य, दृश्य माध्यम और नाटक के अलावा बच्चों को पाक कला से भी रूबरू करवाएं। इससे बच्चे विभिन्न विषयों के बीच बहु-आयामी तालमेल स्थापित कर पाएंगे और पौष्टिक आहार के महत्व को समझेंगे।
साथ ही, बच्चे भारत में पैदा होने वाली फसलों और मसालों के बारे में प्रयोग करके जान पाएंगे। इससे बच्चे यह भी सीख पाएंगे कि कैसे बीजों में से तेल निकाला जाता है, भारत में कृषि के बेहतर उदाहरण कौन से हैं। बच्चे जान पाएंगे कि किस राज्य में किस तरह के पारंपरिक व्यंजन पकाए और परोसे जाते हैं। इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए स्कूल कुछ कुकिंग क्लास भी आयोजित कर सकते हैं, जिसमें लड़के और लड़कियां बराबर मात्रा में हिस्सा लें।