शातिर चोरों का धावा राजधानी में
भोपाल – ३० मार्च , वैसे तो चोरी के प्रकरण आये दिन पुलिस के थानों में दर्ज होते हैं । पुलिस भी अपनी सक्रियता बताने के चोरों को पकड़ने में अपने आप को अव्वल बताने में पीछे नहीं रहती । पुलिस भोपाल के उन चौरों को पकड़ती है जिन्हें वह जानती है और जनता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता उजागर कर देती है ।
विगत दिनों नये भोपाल में दो किलोमीटर के दायरे में एक घंटे के अंदर दो स्थानों पर चौरों ने हाथ साफ किया । एक स्थान पर ही सी सी टी वी केमरे में कैद शातीर चौरों के चेहरे एवं एक कार दिखाई देती है ।
घटना तीन दिन पहले माता मंदिर चौराहे के निकट संजय काम्प्लेक्स ४ / ६ फ्लेट की है । उस फ्लेट में सुश्री मोनू श्रीवास्तव (पत्रकार) अपनी मां के साथ रहती है । सुश्री मोनू श्रीवास्तव की मां ११ बजे दिन में अपनी बहन के साथ पुराने भोपाल चली गई थी ।
मोनू श्रीवास्तव भी अपने नित्य की कार्यप्रणाली के अनुसार दैनिक निष्पक्ष समाचार ज्योति के कार्यालय सेकंड स्टाप चली जाती है लगभग चार बजे के करीब मोनू श्रीवास्तव की मां का मोबाइल काल आता है सूनते ही अपने संपादक को बताती है कि उसके घर चोरी हो गई ऐसा मां का कहना है ।
मोनू अपने संपादक के साथ घटना स्थल अपने आवास पर पहुंचती है
घर के हालात देख चोरी की रिपोर्ट लिखाने कमला नगर थाने पहुंचती है तथा पूरी जानकारी देती है । कमला नगर पुलिस उसी क्षण आती है पूरी तफसीस के बाद थाने में रिपोर्ट दर्ज होती है ।
इसी दौरान फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट एवं डांग को बुलाया जाता है ।आस पास के घरों में लगें सी सी टी वी केमरे के फुटेज के प्रिंट लिए जाते हैं ।
सी सी टी वी केमरे के फुटेज में तीन लोगों को देखा जाता है इसी के साथ एक कार दिखाई देती है ।
शातिर चोरों ने चोरी की घटना को दस मिनट के अंदर निपटा दिया । और कार से फरार हो गए ।
मोनू श्रीवास्तव के घर से ६३ हजार रुपए नकद एक उनकी बहन का मंगल सूत्र के साथ अन्य और भी सामान गया है ।
चोर अपने साथ एक काला बैग लेकर आए जो सी सी टी वी केमरे के फुटेज में स्पष्ट दिखाई देता है ।
गाड़ी मालिक ने पूछताछ में बताया कि उसने गाड़ी बेंच दी गाड़ी किसी ग्वालियर के व्यक्ति को बेची । अधिक पूछताछ में सामने आया कि गाड़ी किसी अन्य व्यक्ति को बेची गई है ।
नये गाड़ी मालिक से अभी तक कोई सम्पर्क नहीं हो पाया है ।
पुलिस ने मुस्तेदी दिखाई परन्तु एक्सपर्ट की सलाह नहीं ली ।
पुलिस ने मुस्तेदी से जहां सी सी टी वी केमरे के फुटेज लिए बहीं उस होटल का रिकॉर्ड भी देखना चाहिए था जिस होटल मालिक की गाड़ी थी ।
घटना का समय तीन से चार बजे के बीच का है इस दौरान उसे रेलवे स्टेशन , समस्त बस स्टैंड एवं टोल टैक्स नाकों के फुटेज लेना चाहिए ।
संदेही तीनों व्यक्तियों के फोटो समाचार पत्रों ,टी वी चैनलों पर प्रसारित कराना चाहिए ।
उपयोग में लाई गई कार को संदेह के आधार पर जब्त किया जाना चाहिए।
चौरी छोटी या बड़ी नहीं होती चोरी चोरी होती है ।
इस पूरी घटना में एक रोचक प्रसंग है कि जो कार संदिग्ध आरोपियों ने इस्तेमाल किया उस कार के मालिक का स्थाई और अस्थाई पता होटल पिशाल न्यू मार्केट भोपाल का हैं । क्या कोई होटल मालिक अपनी होटल में किसी व्यक्ति को हमेशा के लिए रख सकता है या किराये से दे सकता है
कहीं ऐसा तो नहीं कि इस शातिर चोर मंडली को होटल मालिक एवं गाड़ी मालिक का संरक्षण प्राप्त है ।
अभी तक की जानकारी के अनुसार वाहन क्रमांक MP04CB 0879 नरेंद्र प्रताप सिंह जादौन पुत्र नागपाल सिंह जादौन है । एक बाहन मालिक जिसका अपना कोई पता न भोपाल में है और ना ही ग्वालियर में है संदेह होना स्वाभाविक है ।
पुलिस के पास अब इतने सबूत है कि उसे चोरों को पकड़ने में सफलता मिलेगी बस उसे बगैर भेदभाव और निष्पक्षता से जांच करनी होगी ।