मध्यप्रदेश पर्यटन में निजी क्षेत्र के लिए निवेश का सुनहरा अवसर : प्रमुख सचिव श्री शुक्ला
लखनऊ में इन्वेस्टर्स सम्मिट में निवेशकों को किया आमंत्रित
भोपाल :
प्रमुख सचिव पर्यटन और संस्कृति एवं प्रबंध संचालक टूरिज्म बोर्ड श्री शिव शेखर शुक्ला ने कहा कि मध्यप्रदेश के पर्यटन में निजी क्षेत्र के लिए निवेश का सुनहरा अवसर है। प्रमुख सचिव श्री शुक्ला लखनऊ में होटल हिल्टन गार्डन इन में मध्यप्रदेश टूरिज्म इन्वेस्टर्स मीट में निवेशकों को संबोधित कर रहे थे। प्रमुख सचिव श्री शुक्ला ने कहा कि प्रदेश में पर्यटकों की सुविधाओं में वृद्धि के लिए पर्यटन का इन्फ्रा-स्ट्रक्चर विकसित किया जाना जरूरी है। इन्फ्रा-स्ट्रक्चर का विकास केवल शासकीय स्त्रोतों से किया जाना पर्याप्त नहीं है। संतुलित एवं समेकित पर्यटन की वृद्धि, जिससे सामाजिक एवं आर्थिक विकास सम्भव हो, रोजगार के अवसरों का सृजन हो तथा प्रदेश समग्र पर्यटन अनुभव प्रदान करने वाला गन्तव्य बन सके, इसके लिए प्रदेश शासन द्वारा पर्यटन नीति-2016 संशोधित-2019 लागू की गई है। इस पर्यटन नीति में प्रयास किये गये हैं कि प्रदेश में निजी निवेशकों को प्रोत्साहन मिल सके एवं अल्प समय में अधिकतम सुविधाओं का लाभ पर्यटकों को उपलब्ध कराया जा सके। लखनऊ में मध्यप्रदेश पर्यटन बोर्ड द्वारा फेडरेशन फ़ॉर इंडियन चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) के सहयोग से टूरिज्म इन्वेस्टर्स मीट का आयोजन किया गया था।
प्रमुख सचिव श्री शुक्ला ने कहा कि मध्यप्रदेश ऐसा राज्य है, जहाँ पर्यटन के क्षेत्र में निवेश की अपार संभावनाएँ मौजूद हैं। होटल, रिसोर्ट एवं पर्यटन से सम्बंधित अन्य व्यापारिक गतिविधियों के संचालन में सुगमता, प्रसार एवं पारदर्शिता मध्यप्रदेश की पर्यटन नीति की तीन प्रमुख विशेषताएँ हैं, जो राज्य को निवेश के लिए पसंदीदा स्थान बनाती हैं। यहाँ जल-जमीन-जंगल-जानवरों आदि की व्यापक उपलब्धता तथा पर्यटन परियोजनाएँ स्थापित करने के लिए अनुकूल वातावरण और शासन, प्रशासन की पारदर्शी एवं निवेशक फ्रेण्डली नीतियाँ और सहूलियतें, यही कारण है कि प्रदेश के अनेक निवेश प्रदेश में पर्यटन परियोजनाओं की स्थापना करने के लिए पूरे देश से यहाँ आ रहे हैं।
प्रमुख सचिव श्री शुक्ला ने कहा कि इस पर्यटन नीति की मुख्य विशेषता है कि निजी निवेशकों को ऑनलाइन निविदा प्रक्रिया के माध्यम से उपयुक्त स्थानों में 90 वर्षों के लिए लीज पर भूमि और हेरिटेज परिसंपत्ति आवंटित की जाती है। ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि के लिए न्यूनतम आरक्षित मूल्य केवल 5 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर और शहरी क्षेत्रों में 10 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर एवं प्रति हेरिटेज परिसंपत्ति के लिए केवल एक लाख रुपये आरक्षित मूल्य है। ऋण लेने के लिए भूमि/हेरिटेज परिसंपत्ति को गिरवी रखा जा सकता है। निजी निवेश पर 15 से 50 प्रतिशत तक पूँजी अनुदान, अधिकतम 90 करोड़ रुपये तक देय है।
पर्यटन विभाग द्वारा प्रदेश में पर्यटन परियोजनाओं की स्थापना के लिए निविदाकारों को पारदर्शी निविदा प्रक्रिया के माध्यम से लगभग 25 भूमियों एवं 8 ऐतिहासिक महत्व की हेरिटेज परिसम्पतियों को निवेश की दृष्टि से निजी निवेशकों को सौंपी हैं। इनमें होटल, रिसोर्ट, कन्वेंशन सेन्टर, एम्यूजमेन्ट पार्क, एडवेंचर और केम्पिंग आदि परियोजनाओं की स्थापना का कार्य किया जा रहा है। इसमें देश के महत्वपूर्ण ग्रुप जैसे ओरेंज काउंटी, महिंद्रा हॉलीडेज, स्टेट एक्सप्रेस, जहाँनुमा, वैक्सपोल ग्रुप आदि शामिल हैं। प्रदेश में गोल्फ कोर्स, फिल्म सिटी, एम्यूजमेंट पार्क, क्रूज एवं सी प्लेन आदि की स्थापना के लिए देश–विदेश से निवेशकों द्वारा रूचि प्रदर्शित की जा रही है।
प्रदेश में पर्यटन में निजी निवेश के माध्यम से पर्यटन परियोजनाओं की स्थापना के लिये 1100 हेक्टेयर से अधिक का लैंड बैंक तथा 15 हेरिटेज परिसंपत्तियाँ उपलब्ध है। यह भूमियाँ सतपुड़ा, बाँधवगढ़, कान्हा, संजय डुबरी तथा पालपुर कूनों राष्ट्रीय उद्यान के समीप तथा पचमढ़ी, गांधी सागर डेम और इंदौर–भोपाल शहर के आस-पास पर्यटन सम्पन्न एरिया में स्थित है। इसी तरह बाँधवगढ नेशनल पार्क, मांडू, चन्देरी के समीप तथा भोपाल शहर के बीच में हेरिटेज परिसम्पतियाँ स्थित हैं, जो निवेशकों के लिए आकर्षण का केन्द्र हैं।
पर्यटन नीति के फलस्वरूप 116 पर्यटन परियोजनाओं की स्थापना के लिये 623 करोड़ 52 लाख के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इसमें से 8 हेरिटेज होटल, 3 होटल, 20 रिसोर्ट, 2 कैम्पिंग रिसोर्ट तथा 85 मार्ग सुविधा केंद्र के प्रस्ताव अनुबंध कर निर्माणाधीन एवं संचालित हैं। निजी क्षेत्र की 138 पर्यटन परियोजनाएँ स्थापित होकर संचालित हैं। इनमें कुल नये 5595 कक्ष निर्मित हैं एवं 1941 करोड़ का निवेश तथा लगभग 25-30 हजार लोगों को रोजगार प्राप्त हो रहा है।