बाँटने से बढ़ता है ज्ञान : मंत्री श्री सारंग

चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री विश्वास कैलाश सारंग की उपस्थिति में आज नॉलेज शेयरिंग मिशन में गाँधी चिकित्सा महाविद्यालय भोपाल और अमेरिका की ऐमरी यूनिवर्सिटी के बीच एमओयू हुआ। मंत्री श्री सारंग ने कहा कि ज्ञान बाँटने से बढ़ता है। इसी उद्देश्य से नॉलेज शेयरिंग मिशन की स्थापना की गई थी। इसी तारतम्य में आज जीएमसी और ऐमरी यूनिवर्सिटी का एमओयू हुआ है। इससे मरीज एवं छात्रों को फायदा होगा।

अमेरिका की ऐमरी यूनिवर्सिटी के साथ नॉलेज शेयरिंग गौरव की बात

मंत्री श्री सारंग ने कहा कि विद्यार्थियों के लिये यह गौरव की बात होगी कि ऐमरी यूनिवर्सिटी अमेरिका के साथ वे अपना नॉलेज शेयर कर सकेंगे। उन्होंने एचओडी से भी अपेक्षा की कि इस एमओयू का अपने-अपने डिपार्टमेंट में ज्यादा से ज्यादा लाभ लेकर नॉलेज शेयर करें। पहले चरण में जीएमसी के साथ एमओयू हुआ है। अगले चरण में अन्य मेडिकल कॉलेज के साथ भी एमओयू कर नॉलेज प्रक्रिया को बढ़ाया जायेगा। नॉलेज शेयरिंग के जरिये हमारे द्वारा किया गया कार्य भी दूसरी जगह पहचान बने। उन्होंने कहा कि हमारी महती जिम्मेदारी है कि हम समाज को कुछ अच्छा दे पायें।

मंत्री श्री सारंग ने कहा कि इस एमओयू से प्रदेश के चिकित्सा विद्यार्थियों को स्टूडेंट एक्सचेंज के माध्यम से ऐमरी यूनिवर्सिटी के ऑनलाइन सर्टिफिकेट कोर्स एवं ऑब्जर्वरशिप कार्यक्रम में भी प्रशिक्षित होने का अवसर मिल सकेगा। यूनिवर्सिटी में उच्च अध्ययन के लिए जाने के लिये प्रदेश के चिकित्सा विद्यार्थियों को सहयोग और मदद प्रदान की जाएगी।

एसीएस चिकित्सा शिक्षा श्री मोहम्मद सुलेमान ने कहा कि टी.बी. मुक्त शहर बनाने के लिये इस एमओयू के माध्यम से ऐमरी यूनिवर्सिटी के साथ टी.बी. शोध, उपचार एवं नयी तकनीकों का आदान-प्रदान किया जायेगा।

शोध एवं एडवांस हेल्थ केयर के क्षेत्र में प्रख्यात है ऐमरी यूनिवर्सिटी

ऐमरी यूनिवर्सिटी अमेरिका के ऑक्सफ़ोर्ड और अटलांटा शहर में वर्ष 1836 से स्थापित एक प्रतिष्ठित संस्थान है। यूनिवर्सिटी में ऐमरी ग्लोबल हेल्थ इंस्टीट्यूट की डायरेक्टर डॉ. रेबेका मार्टिन कार्यक्रम में वर्चुअली जुड़ी। एमओयू हस्ताक्षर के लिये ऐमरी यूनिवर्सिटी से विशेष रूप से संक्रामक बीमारियों के विशेषज्ञ डॉ. मनोज जैन पधारे थे। डॉ. जैन मध्यप्रदेश में जन्मे और इंदौर मेडिकल कॉलेज से पढ़े और वर्तमान में अमेरिका में संक्रामक बीमारियों के प्रख्यात चिकित्सा विशेषज्ञ हैं।

दोनों संस्थानों के मध्य एमओयू के मुख्य बिंदु

चिकित्सीय विषयों 

 मध्य एमओयू के मुख्य बिंदु

चिकित्सीय विषयों पर लेक्चर (ऑन-साइट/ऑनलाइन): ऐमरी यूनिवर्सिटी के एक्सपर्ट्स द्वारा मध्यप्रदेश के चिकित्सा विद्यार्थियों एवं चिकित्सकों को चिकित्सीय विषयों पर ऑन साइट अथवा ऑनलाइन लेक्चर दिये जायेंगे।

चिकित्सा के विभिन्न विषयों पर कॉन्फ्रेंस एवं वर्कशॉप का आयोजन : चिकित्सा शिक्षा, चिकित्सा शोध एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग से संबद्ध अस्पतालों में मरीजों को बेहतर से बेहतर उपचार उपलब्ध करवाने के साथ ही विभिन्न विषयों पर मध्यप्रदेश के चिकित्सा विद्यार्थियों एवं चिकित्सकों के ज्ञानवर्धन के लिये कॉन्फ्रेंस एवं वर्कशॉप का आयोजन किया जायेगा।

नवीन चिकित्सा तकनीकों का आदान-प्रदान : मेडिकल रिचर्स के क्षेत्र में प्रतिष्ठित संस्थान ऐमरी यूनिवर्सिटी के सहयोग से प्रदेश के चिकित्सा विद्यार्थी एवं चिकित्सक चिकित्सा विज्ञान में हो रहे नवाचारों एवं नवीन चिकित्सा तकनीकों का आदान-प्रदान कर सकेंगे। इससे गंभीर बीमारियों के उपचार में सहायता मिल सकेगी।

चिकित्सीय ट्रेनिंग से क्षमता विकास : ऐमरी यूनिवर्सिटी के सहयोग से चिकित्सा विद्यार्थियों एवं चिकित्सकों के लिए ट्रेनिंग, कैपेसिटी बिल्डिंग, नॉलेज एक्सचेंज, एक्पोजर विजिट प्रोग्राम आदि कार्यक्रम तैयार किए जाएंगे। कार्यक्रम में ऐमरी संस्थान के एक्सपर्ट्स अपने अनुभव, रिसर्च एवं अन्य नवाचार साझा करेंगे। इस विशिष्ट चिकित्सीय ट्रेनिंग से चिकित्सा विद्यार्थियों एवं चिकित्सक अपने कार्य-क्षेत्र में दक्षता प्राप्त कर सकेंगे।

संयुक्त चिकित्सीय शोध के प्रकल्प : पार्किंसंस रोग और डिप्रेशन के लिए अग्रणी मस्तिष्क चिकित्सा के लिए व्यापक रूप से ली जाने वाली एचआईवी दवा की खोज से ऐमरी यूनिवर्सिटी मेडिकल रिसर्च के क्षेत्र में विश्व विख्यात है। संस्थान के साथ हुए एमओयू से गंभीर बीमारियों के सटीक उपचार के लिये संयुक्त चिकित्सीय शोध के प्रकल्प स्थापित किये जायेंगे।

सर्टिफिकेट कोर्स एवं ऑब्जर्वरशिप : ऐमरी युनिवर्सिटी द्वारा समय-समय पर चिकित्सा शोध एवं विज्ञान के विभिन्न विषयों पर आधारित सर्टिफिकेट कोर्स एवं ऑब्जर्वरशिप प्रोग्राम चलाये जाते हैं। एमओयू से मध्यप्रदेश के चिकित्सा विद्यार्थी एवं चिकित्सक ऑनलाइन के साथ ही ऐमरी युनिवर्सिटी में भी ऑब्जर्वरशिप प्रोग्राम का लाभ ले सकेंगे।

कार्यक्रम में मंत्री श्री सारंग ने डॉ. मनोज जैन का शॉल-श्रीफल से स्वागत किया। प्रमुख सचिव श्रीमती करलिन खोंगवार देशमुख भी मौजूद थी। कार्यक्रम में डीन डॉ. अरविंद राय ने स्वागत

भाषण दिया और अधीक्षक डॉ. आशीष गोहिया ने आभार माना।

उल्लेखनीय है कि चिकित्सा शिक्षा विभाग मध्यप्रदेश द्वारा चिकित्सा विद्यार्थियों को उत्कृष्ट स्तर की शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से नित नये नवाचार किये जा रहे हैं। मध्यप्रदेश में हिंदी में मेडिकल की पढ़ाई प्रारंभ करना इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। इसी तारतम्य में आज चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधीन स्थापित “मेडिकल नॉलेज शेयरिंग मिशन” के तत्वावधान में गांधी चिकित्सा महाविद्यालय, भोपाल एवं अमेरिका की ऐमरी यूनिवर्सिटी में बीच चिकित्सीय ज्ञान के आदान-प्रदान के लिये एमओयू किया गया। चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री सारंग के दूरगामी शोध की परिणिति के रूप में नॉलेज शेयरिंग मिशन की स्थापना 7 अप्रैल 2020 में गांधी चिकित्सा महाविद्यालय भोपाल में की गई थी। इस मिशन का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चिकित्सा शिक्षा एवं चिकित्सकीय उपचार की नवीनतम तकनीक, नवाचारों एवं शोध के विभिन्न आयामों का लाभ मध्यप्रदेश के चिकित्सकों एवं चिकित्सा छात्रों को उपलब्ध कराना है।

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