उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश में उच्च शिक्षा को सुलभ, गुणवत्तापूर्ण और रोज़गार उन्मुख बनाने निजी क्षेत्र की भागीदारी को प्रोत्साहित करने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए बेहतर संस्थागत व्यवस्था सुनिश्चित करने प्रोत्साहन नीति का प्रस्ताव बनाया गया है। मंत्रि-परिषद की मंज़ूरी के बाद इस नीति को प्रदेश में लागू किया जाएगा। उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. यादव ने मंगलवार को मंत्रालय में प्रोत्साहन नीति के संबंध में बैठक ली। अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा श्री शैलेन्द्र सिंह तथा विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
मंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप उच्च शिक्षा के क्षेत्र में विकास के सूचकांकों को निर्धारित लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए निजी क्षेत्र की सक्रिय एवं सकारात्मक भागीदारी आवश्यक है। निजी क्षेत्र की भागीदारी से प्रदेश में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में स्पर्धा की भावना उत्पन्न होगी। इससे शिक्षण प्रणाली, तकनीक के प्रयोग, शिक्षण संस्थानों के प्रबंधन, शिक्षक-प्रशिक्षण शिक्षण संस्थानों के प्रबंधन, पाठ्यक्रम निर्माण, कौशल संवर्धन आदि महत्वपूर्ण क्षेत्रों में विकास की गति तीव्र होगी।
मंत्री डॉ. यादव ने कहा कि उच्च शिक्षा में निजी क्षेत्र की भागीदारी एवं निवेश नीति का लक्ष्य ऐसी संस्थागत व्यवस्था स्थापित करना है, जिससे उच्च शिक्षा में निजी निवेश प्रोत्साहित हों। प्रदेश में उच्च शिक्षा के अवसर सुलभता से विशेष कर अनुसूचित क्षेत्रों में उपलब्ध कराना है। इससे न सिर्फ़ उच्च शिक्षा के क्षेत्र में शोध परियोजनाओं का समुचित विकास सुनिश्चित होगा बल्कि आईटी के क्षेत्र में भी बेहतर प्रयोग होंगे।