23 वितम्बर 2020
युवा कांग्रेस प्रदेश महासचिव तरूण बाहेती ने स्कूल फीस मामले में कलेक्टर को दिया मांग पत्र
–आर्थिक रूप से परेशान विद्यार्थियों की फीस माफ करें निजी स्कूल
-ज्ञापन में कांग्रेसजनों ने अभिभावकों को राहत देने व महत्वपूर्ण बिंदुओं को उठाया !!
नीमच। निजी स्कूल और अभिभावकों के बीच चल रहे गतिरोध के बीच कांग्रेस ने भी अभिभावकों का समर्थन कर दिया है। मामले में युवा कांग्रेस के प्रदेश महासचिव तरूण बाहेती ने कलेक्टर जितेंद्रसिंह राजे को ज्ञापन दिया, जिसमें लॉकडाउन के कारण आर्थिक रूप से परेशान चल रहे अभिभावकों के बच्चों की फीस माफ करने की मांग की गई।
अभिभावको को राहत प्रदान करने की मांग को लेकर कांग्रेस नेता तरुण बाहेती के साथ जिला कांग्रेस प्रवक्ता भगत वर्मा,युवा कांग्रेस प्रदेश सचिव संदीप राठौर,पिछड़ा वर्ग कांग्रेस जिलाध्यक्ष बलवंत पाटीदार,कांग्रेस नेता विकास गोयल ने जिला कलेक्टर से चर्चा में बताया कि आनलाईन क्लासेस जो कि माह जुलाई में प्रारम्भ हुई है लेकिन प्राईवेट स्कूल प्रबंधन द्वारा अभिभावकगणों से गत अप्रैल माह से शैक्षणिक शुल्क के रूप में ट्यूशन फीस की मांग की जा रही है जो तर्क संगत नहीं है। जिले के अभिभावकगणों द्वारा नो स्कूल-नो फीस की मांग भी लगातार की जा रही है, जो कि उचित भी है। अभिभावगणों की मांग के तर्क में प्राईवेट स्कूल प्रबंधन हाईकोर्ट के आदेश का हवाला दे रहा है जिसमें यह कहा जा रहा है कि ट्यूशन फीस अनिवार्य रूप से देना है। ऐसे में सभी प्राईवेट स्कूल विद्यार्थियों के परिवारजनों पर फीस के लिए दबाव बना रहे हैं और फीस जमा नहीं कराने पर स्कूल प्रबंधन छात्र को आनलाईन शिक्षा से वंचित कर रहे हैं।
ज्ञापन में बताया गया कि लॉकडाउन में व्यापार-व्यवसाय बंंद होने से अभिभावकगण फीस अदा करने में सक्षम नहीं हैं। ऐसे में अभिभावकगणों को ट्यूशन फीस माफ किये जाना/राहत दिया जाना बहुत जरूरी है। इस के लिए अभिभावकगणों को राहत देने निम्न बिन्दुओं पर विचार कर अभिभावगणों को राहत प्रदान की जाए।
-ज्ञापन में ये बिंदु बताए विचार योग्य-
ज्ञापन में बताया गया कि 1. आर्थिक रूप से कमजोर जो अभिभावक फीस अदा नहीं करते हैं,उसके बच्चों की पूरी ट्यूशन फीस माफ की जाए। 2. फीस जमा करने में असक्षम विद्यार्थियों को आनलाईन क्लास से वंचित नहीं किया जाए। 3. हाईकोर्ट के निर्देशानुसार स्कूल फीस आवश्यक भी है तो विद्यालय द्वारा पूर्व में ली गई ट्यूशन फीस में विद्यार्थियों को पूरे दिवस 6 घंटे में पढ़ने के लिए ली जाती थी, पर वर्तमान में 1-2 घंटे तक ही आनलाईन क्लासेस चलाई जा रही है,उसके अनुपात से अभिभावकगणों से ट्यूशन फीस ली जाए। 4. प्राईवेट विद्यालयों द्वारा स्वयं ही अपने हिसाब से ट्यूशन शुल्क तय कर दिया जाता है, जिस पर सभी प्राईवेट विद्यालय से पूछा जाए कि वे किस मापदण्ड के आधार पर ट्यूशन फीस तय करते हैं। इस हेतु नीमच जिले के समस्त विद्यालय की जाँच कर ट्यूशन फीस निर्धारण प्रक्रिया के मापदण्ड तय किये जाए। जिसमें प्रशासनिक अधिकारियों को शामिल कर एक जांच कमेटी बनाई जाए। 5. शासन से निःशुल्क व रियायत दरों भूमि प्राप्त करने वाले निजी स्कूलों की समीक्षा की जाए और स्कूल संचालन के शासन द्वारा निर्धारित मापदंड का पालन कराया जाए। 6. केंद्र सरकार द्वारा लागू शिक्षा का अधिकार कानून के अन्तर्गत प्रत्येक विद्यालय को 25 प्रतिशत फीस निर्धन छात्रों की निःशुल्क शिक्षा अनिवार्य है। शिक्षा का अधिकार के अन्तर्गत किस विद्यालय ने वर्तमान में वर्ष व गत 5 वर्षों में कितने विद्यार्थियों को निःशुल्क शिक्षा प्रदान की है। उन छात्रों की संख्या सार्वजनिक की जाए। कांग्रेस नेता बाहेती ने जिला कलेक्टर से शीघ्र मामले में संज्ञान लेकर निराकरण करने की माग की।