भोपाल : गुरूवार, जुलाई 2, 2020
राज्यपाल श्रीमती आनंदी बेन पटेल ने एकीकृत विश्वविद्यालय प्रबंधन प्रणाली की समीक्षा की। उन्होंने सॉफ्टवेयर के विभिन्न माड्यूल और प्रक्रियात्मक व्यवस्थाओं की जानकारी ली। उन्होंने निर्देशित किया कि एकीकृत प्रबंधन प्रणाली समय मर्यादा में भ्रष्टाचार विहीन व्यवस्था को सुनिश्चित करें।
राज्यपाल श्रीमती पटेल ने कहा कि सॉफ्टवेयर में यह सुनिश्चित किया जाए कि छात्रों को सामान्यत: जिन समस्याओं का सामना करना पड़ता है, उनकी जो शिकायतें होती है, उनका निश्चित समाधान वर्तमान प्रणाली में हो। छात्रों से संबधित कार्यों के लिए उत्तरदायी व्यक्तियों के कार्य सम्पादन की समय-सीमा निश्चित हो। इस कार्य में उदासीनता अथवा गड़बड़ी करने वालों को चिन्हित करने की प्रक्रिया प्रबंधन प्रणाली में हो। ताकि उनके विरुद्ध उचित दडांत्मक कार्रवाई की जा सके। उन्होंने कहा कि किसी निर्णय और कार्य को करने की नियत प्रक्रियात्मक व्यवस्था का अनुपालन हुआ है अथवा नहीं इसकी मानीटरिंग की व्यवस्था होनी चाहिए। नियत प्रक्रिया का अनुपालन किसी भी स्तर पर नहीं होने के संबंध में आटोमेटेड अलर्ट जनरेट होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि प्रत्येक स्तर के कर्मचारी और अधिकारी के उत्तरदायित्वों की निगरानी को भी प्रबंधन प्रणाली में शामिल किया जाए। प्रणाली लापरवाह, उदासीन और गड़बड़ी करने वालों को चिन्हित भी करें। नस्तियों के संचालन प्रक्रिया का अनिवार्यत: पालन हो। इसके लिए प्रत्येक स्तर पर अधिकारिता, उत्तरदायित्व के साथ ही कार्य की नियत समय सीमा भी प्रबंधन प्रणाली में सम्मिलित हो। निर्णय प्राधिकारी के समक्ष प्रत्येक चरण में नियत प्रक्रिया का पालन हुआ अथवा नहीं इसकी आटोमेटेड सूचना प्रस्तुत होनी चाहिए।
राज्यपाल श्रीमती पटेल ने कहा कि प्रबंधन प्रणाली में तकनीकी साल्यूशन्स के साथ ही छात्र-शिक्षक, छात्र विश्वविद्यालय शिक्षक-विश्वविद्यालय समन्वय साल्यूशन्स होने चाहिए। कुलपति, शिक्षको द्वारा उनके दायित्वों के पालन के प्रतिवेदनात्मक स्वरुप के स्थान पर सिस्टम आधारित रिर्पोट विकसित होने की व्यवस्था की जायें। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय शिक्षण और शोध आदि निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए रोड मैपिंग की व्यवस्था सॉफ्टवेयर में की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रबंधन प्राणली में प्रगतिशील शैक्षणिक व्यवस्थाओं के अनुरुप पाठ्यक्रम, विषय सामग्री आदि के निर्माण के लिए आवश्यक सूचनाऐं और डाटा उपलब्ध हो। इस संबंध में अध्ययनरत छात्र जब भी सुझाव और समस्या बताना चाहें, उसके लिए समुचित प्लेट फार्म भी उपलब्ध कराया जाए। साथ ही ऐसी व्यवस्था की जाए कि 10वीं और 12वीं परीक्षा के परिणाम घोषणा के साथ ही उनका डाटा एकीकृत विश्वविद्यालय प्रबंधन प्रणाली में तत्काल सहयोजित हो जाये। कक्षा में छात्र उपस्थिति के साथ ही शिक्षक उपस्थिति मानीटरिंग की भी व्यवस्था होनी चाहिए।
समीक्षा बैठक में राजीव गांधी प्रौद्यौगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति श्री सुनील कुमार ने पावर प्वाइंट प्रजेन्टेशन के माध्यम से एकीकृत विश्वविद्यालय प्रबंधन प्रणाली उद्देश्य, संचालन व्यवस्था और उसकी उपयोगिता के संबंध में जानकारी दी। बैठक में राज्यपाल के सचिव श्री मनोहर दुबे भी मौजूद थे।