6 मई 2020, भोपाल, mpinfo
संबल योजना पुन: प्रारंभ
मुख्यमंत्री द्वारा 41.33 करोड़ रूपये हितग्राहियों के खातों में अंतरित
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने गरीबों की जिंदगी में संबल देने वाली योजना संबल को आज पुन: प्रारंभ किया। उन्होंने संबल योजना के हितग्राहियों के खातों में 41.33 करोड़ की राशि एक क्लिक पर ट्रांसफर की। मुख्यमंत्री ने हितग्राहियों से चर्चा करते हुए कहा कि पुरानी सरकार ने संबल योजना बंद कर दी थी इसलिये संबल योजना पुन: प्रारंभ कर रहे हैं। योजना के कार्ड रद्द कर दिये थे, अब यह कार्ड फिर काम आयेंगे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जब मैं पहले मुख्यमंत्री था, तब मैंने संबल योजना प्रारंभ की थी। संबल केवल योजना नहीं है, गरीबों का सहारा है, बच्चों का भविष्य है, बुजुर्गों का विश्वास है और माँ, बहन-बेटियों का सशक्तिकरण है। संसाधन कब्जे में होने के कारण कुछ लोग अमीर हो गये परन्तु बड़ी आबादी निर्धन रह गयी। संबल योजना के माध्यम से हम उसी आबादी को न्याय दे रहे हैं जो धनी हैं उनसे हम टैक्स लेते हैं और जो गरीब हैं उनको सुविधाएँ देते हैं, यही सामाजिक न्याय है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा आज 05 मई 2020 को सामान्य मृत्यु के 1698 हितग्राहियों को 33.16 करोड़, दुर्घटना में मृत्यु के 204 हितग्राहियों को 8.16 करोड़ एवं आंशिक स्थायी अपंगता के 1 हितग्राही को 1 लाख रुपये की अनुग्रह सहायता दी गयी। श्री चौहान द्वारा हितग्राहियों के खाते में 41 करोड़ 33 लाख की राशि सिंगल क्लिक के माध्यम से सीधे उनके खातों में अंतरित की।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने संबल योजना के तहत हितग्राहियों के परिजनों की मृत्यु होने पर 2 लाख अनुग्रह राशि प्राप्त करने वालों से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से चर्चा की। जिसमें होशंगाबाद के श्री दीपक नामदेव, रतलाम के श्रीमती लीला बाई पंचाल, रायसेन के श्री निर्मल कुमार जैन, छतरपुर की श्रीमती पार्वती साहू, विदिशा की श्रीमती मीना बाई, धार के श्री आनन्द शांति लाल कौशल, टीकमगढ़ की श्रीमती सिम्मा बाई, खरगोन की श्रीमती माया बाई, टीकमगढ़ के श्री मैथली सेन, बड़वानी के श्री गंगाराम से चर्चा कर उन्हें अवगत कराया कि 2-2 लाख रुपए की राशि उनके खाते में जमा करा दी गई है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि संबल योजना अप्रैल 2018 में प्रारंभ की गई थी। इस योजना के क्रियान्वयन के लिए वर्ष 2018-19 में 703 करोड़ रूपए की राशि व्यय की गई थी। हमने 20 अप्रैल 2020 को इस योजना को पुनर्जीवित कर मात्र 15 दिन में ही हितग्राहियों के खाते में 41 करोड़ रूपए जमा कर योजना को पुनर्जीवित किया है।
जिंदगी के पहले जिंदगी के बाद ‘संबल योजना’
मुख्यमंत्री ने कहा कि जन्म से मृत्यु तक साथ निभाने वाली इस अभिनव योजना का उद्देश्य गरीब एवं अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग के हितग्राहियों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना है। इसके तहत गर्भवती को प्रसव के पूर्व 4 हजार रुपए और प्रसव के पश्चात 12 हजार रुपए हितग्राही को दिए जाएंगे। पोषण आहार दिया जाएगा एवं बच्चों की शिक्षा नि:शुल्क होगी, आठवीं तक नि:शुल्क किताबें, यूनीफार्म, मध्यान्ह भोजन की व्यवस्था है।
उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत हितग्राहियों को मुख्य रूप से सामान्य और असामयिक मृत्यु पर 2 लाख रूपये, दुर्घटना में मृत्यु पर 4 लाख रूपये, स्थायी अपंगता पर 2 लाख रूपये एवं आंशिक स्थायी अपंगता में एक लाख रूपये की सहायता देने का प्रावधान है। हितग्राही की मृत्यु होने पर उसके परिजन को 5 हजार रूपये अंत्येष्टि सहायता और लघु व्यवसाय के उन्नयन में मदद दिलाना था। इस योजना को और अधिक व्यापक स्वरूप प्रदान करने के लिए इसके प्रावधानों पर पुनर्विचार किया जा रहा है।
12वीं के छात्र-छात्राओं के लिए सुपर फाइव थाउजेंड
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि संबल योजना के तहत हितग्राही सदस्यों के ऐसे 5 हजार बच्चें जो 12वीं में सर्वाधिक अंक लाएंगे उन्हें 30-30 हजार रुपए प्रोत्साहन राशि के रूप में दिए जाएंगे। कक्षा 12वीं के बाद उच्च संस्थानों आई.आई.टी., आईआईएम, इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेज में प्रवेश होने पर उनकी फीस की व्यवस्था भी सरकार करेगी।
खेल कूद में अव्वल छात्रों को प्रोत्साहन राशि
राज्य सरकार द्वारा संबल योजना के हितग्राहियों को खेल-कूद में प्रोत्साहन दिया जाएगा। योजना में पंजीकृत परिवार के ऐसे सदस्य जो अखिल भारतीय विश्वविद्यालयीन राष्ट्रीय खेल कूद प्रतियोगिता में भाग लेते है तो उन्हें 50 हजार की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
इस अवसर पर गृह, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, जल संसाधन मंत्री श्री तुलसी सिलावट, सहकारिता, खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्री गोविन्द सिंह राजपूत, किसान कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री श्री कमल पटेल, आदिम जाति कल्याण मंत्री सुश्री मीना सिंह और मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस उपस्थित थे।