29 फरवरी 2020 भोपाल रिद्धिमा
भोपाल के कोलार रोड पर रहने वाले 70 साल के रिटायर्ड इंजीनियर ने अकेलापन महसूस होने पर करीब 40 वर्ष की रानी मिश्रा नाम की एक गरीब महिला से 20 फरवरी को ईश्वर को साक्षी मानकर शादी कर ली। इंजीनियर ने अपनी पहली पत्नी के जेवर रानी को पहनने के लिए दे दिए।
शादी के दिन ही रानी के पास एक कॉल आया। उसने इंजीनियर से कहा- मां की तबीयत बिगड़ गई है, मुझे जाना होगा। आने-जाने के नाम पर उसने साढ़े सात हजार रुपए लिए और गहने के साथ गांव चली गई। गांव पहुंचकर इंजीनियर को कॉल किया कि मां अब नहीं रही। तेरहवीं के बाद ही लौट सकूंगी। 40 हजार रुपए भी हड़प लिए, लेकिन रानी दोबारा नहीं लौटी।
घर की कलह खत्म करने दिया साथ
दैनिक भास्कर के सवाल पर रामफल ने कहा कि मैं पहले सेना में जवान था। तबीयत खराब रहने के कारण नौकरी छोड़नी पड़ी। सुनीता से पहले मैंने एक अन्य महिला से भी शादी की थी। दोनों पत्नियों के बीच में कलह बढ़ रही थी। इसलिए मैंने सुनीता से कहा कि तुझे जहां जाना है, जा, लेकिन घर मेंे कलह मत कर। इसके कुछ दिन बाद ही वह विज्ञापन पढ़कर उसने अपनी मदद करने के लिए मुझे तैयार कर लिया।
कोटा से आए कॉल से हुआ खुलासा: पत्नी के लौटने का इंतजार कर रहे इंजीनियर को कोटा के बोरखेड़ा थाना क्षेत्र से कॉल आया था। कॉलर ने कहा कि मुझे एक महिला की कॉल डीटेल में आपका नंबर मिला है। क्या आप इसे जानते हैं? इंजीनियर ने कहा कि हां, वह मेरी पत्नी है। कॉलर ने तस्वीर मांगी। वाॅट्सएप पर तस्वीर भेजते ही उसने जवाब दिया, इसने तो मेरे साथ भी शादी की थी। मेरी पत्नी के जेवर और नकदी लेकर भागी है। सच्चाई पता लगाने के लिए इंजीनियर ने कॉल किया तो रानी का फोन स्विच्ड ऑफ था।
पड़ोसी नहीं, पति-पत्नी निकले दोनों जालसाज
एएसपी निश्चल झारिया ने बताया कि तकनीकी जांच के बाद पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया है। शंकर ने इंजीनियर से खुद को रानी का पड़ोसी बताया था। पूछताछ में खुलासा हुआ कि शंकर का असली नाम रामफल शुक्ला है अौर रानी का सुनीता शुक्ला। वह रामफल की पत्नी है। दोनों सतना के रहने वाले हैं। कोटा में हुई घटना के दौरान भी रानी उर्फ सुनीता ने मां की तबीयत बिगड़ने और उनका निधन होने का बहाना बनाकर ये वारदात की थी