स्टार्टअप के लिए टैक्स छूट की प्रक्रिया आसान हुई
सरकार ने स्टार्टअप के लिए एंजेल फंडिंग पर आयकर से छूट हासिल करने की प्रक्रिया सरल कर दी है। अब छूट के लिए स्टार्टअप को सभी कागजात के साथ डिपार्टमेंट ऑफ इंडस्ट्रियल पॉलिसी एंड प्रोमोशन (डीआईपीपी) में आवेदन करना होगा। डिपार्टमेंट आवेदन को जरूरी डॉक्यूमेंट के साथ सेंट्रल बोर्ड ऑफ डाइरेक्ट टैक्स (सीबीडीटी) के पास भेज देगा। सीबीडीटी को आवेदन मिलने के 45 दिन के अंदर छूट स्वीकृत या रिजेक्ट करना होगा। इनकम टैक्स और कॉरपोरेट टैक्स के मामले सीबीडीटी ही देखता है।
पहले स्टार्टअप को कई मंत्रालयों को मिलाकर बने बोर्ड के पास आवेदन करना पड़ता था। अब इस व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया है। साथ ही बैंक से एंजेल फंडिंग के फेयर मार्केट वैल्यू की रिपोर्ट जमा करने की जरूरत भी खत्म कर दी गई है। कई स्टार्टअप्स ने एंजेल फंडिंग पर आयकर की धारा 56(2) के तहत टैक्स चुकाने के लिए नोटिस मिलने की शिकायत की थी। सूत्रों ने बताया कि वाणिज्य और उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने इस मामले से जुड़े नोटिफिकेशन को मंजूरी दे दी है। नए नियम के लिए डीआईपीपी जल्द ही नया नोटिफिकेशन जारी करेगा। इस संशोधन के बाद डीआईपीपी द्वारा चिह्नित स्टार्टअप कुछ शर्तों के साथ कर छूट के लिए पात्रता हासिल कर पाएंगे। सरकार ने स्टार्टअप को 10 करोड़ रुपए तक के निवेश पर टैक्स से पूरी तरह छूट देने का प्रावधान किया था। शर्तों के तहत निवेशक का निवेश के साल से पहले के वित्त वर्ष में 50 लाख रुपए से अधिक आय दर्शाना जरूरी है। निवेश के पिछले वित्त वर्ष के आखिरी दिन उसकी नेटवर्थ कम से कम दो करोड़ रुपए होना भी जरूरी है।
आयकर की धारा 56(2) के तहत अगर कोई स्टार्टअप उसके फेयर मार्केट वैल्यू से ज्यादा का निवेश हासिल करता है तो उस हिस्से पर 30% आयकर देना होगा। आमतौर पर हर साल 300 से 400 स्टार्टअप को एंजेल फंडिंग मिलती है।
उन्हें डीआईपीपी के पास आवेदन करना होगा, अब वैलुएशन रिपोर्ट जरूर नहीं
तीन साल का इनकम टैक्स रिटर्न जमा करना पड़ेगा
स्टार्टअप को अकाउंट डिटेल के साथ तीन साल का आयकर रिटर्न जमा करना होगा। इसी तरह इन्वेस्टर को भी अपना नेटवर्थ डिटेल और आयकर रिटर्न जमा करना होगा।
सोर्स दैनिक भास्कर