कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग द्वारा विभिन्न किस्मों के रेशम उत्पादक किसानों को नई-नई उत्पादन तकनीकें सीखने के लिए राज्य के अंदर एवं राज्य के बाहर एक्सपोजर विजिट कराई जाती है। विभाग द्वारा हर वित्त वर्ष में चयनित पात्र किसानों को समुचित प्रशिक्षण एवं फील्ड भ्रमण कराकर उपज के विकास एवं विस्तार के नये आयामों एवं नवाचारों के बारे में बताया जाता है, ताकि वे आधुनिक तकनीकें अपनाकर अपनी उपज बढ़ा सकें।
विभाग की यह योजना सफलतापूर्वक क्रियान्वित की जा रही है। वित्त वर्ष 2018-19 से 2022-23 तक 14 हजार 712 मलबरी रेशम उत्पादकों एवं 6 हजार 525 टसर रेशम उत्पादकों को राज्य के अंदर एवं राज्य के बाहर एक्सपोजर विजिट कराई गयी है। वित्त वर्ष 2018-19 में 7 हजार 962 मलबरी उत्पादकों व 2 हजार 798 टसर उत्पादकों तथा वित्त वर्ष 2019-20 में 2 हजार 649 मलबरी उत्पादकों व एक हजार 370 टसर उत्पादकों को एक्सपोजर विजिट में विधिवत प्रशिक्षण देकर फील्ड भ्रमण भी कराया गया। वित्त वर्ष 2020-21 में कोविड-19 संक्रमण के कारण एक्सपोजर विजिट नहीं कराये जा सके। वित्त वर्ष 2021-22 में 2 हजार 493 मलबरी उत्पादकों व एक हजार 557 टसर उत्पादकों तथा वित्त वर्ष 2022-23 में एक हजार 608 मलबरी उत्पादकों व 800 टसर उत्पादकों को एक्सपोजर विजिट कराई गयी।
विगत चार सालों में बालाघाट, मंडला, नरसिंहपुर, शहडोल, छिंदवाड़ा, नर्मदापुरम, बैतूल, खण्डवा, राजगढ़, सीहोर, इंदौर, उज्जैन एवं गुना जिले के मलबरी और टसर रेशम उत्पादक किसान/हितग्राही योजना से लाभान्वित हुए। मलबरी रेशम उत्पादक किसानों/हितग्राहियों को महाराष्ट्र राज्य तथा टसर रेशम उत्पादक किसानों/हितग्राहियों को झारखण्ड, छत्तीसगढ़ एवं महाराष्ट्र राज्य में फील्ड भ्रमण व एक्सपोजर विजिट कराई गयी है।