अपर मुख्य सचिव गृह डॉ. राजेश राजौरा ने मंगलवार को जिलों के कलेक्टर्स को नगरीय निकायों और ग्राम पंचायतों में बिना केसिंग के खुले बोरवेल तथा ऐसे कुँए-बावड़ियों, जिन्हें गर्डर-फर्शी, सीमेंट-कॉन्क्रीट से बंद किया गया हो, का 30 दिन में सर्वे करने के निर्देश दिये हैं। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने इंदौर में बावड़ी दुर्घटना को गंभीरता से लेते हुए भविष्य में इस प्रकार की दुर्घटनाओं को रोकने के लिये कार्यवाही के निर्देश दिये थे।
एसीएस डॉ. राजौरा ने आपदा प्रबंधन की आकस्मिक परिस्थितियों के निर्मित होने एवं उससे होने वाली जनहानि से बचाव के लिये खुले बोरवेल अथवा कुँए, बावड़ियों को सूचीबद्ध करने और ऐसी संरचनाओं को पूरी तरह पाटने की कार्यवाही करने के निर्देश जारी किये हैं।
निर्धारित 30 दिन की समयावधि में सर्वे कार्य पूरा नहीं होने पर संबंधित नगरीय निकाय एवं ग्राम पंचायत को संबंधित अनुविभागीय दण्डाधिकारी (एसडीएम) को लिखित में सूचना देगी। एसडीएम इस प्रकार के खुले बोरवेल और बावड़ियों से अवैध निर्माण को विधिवत हटा कर पाटने की कार्यवाही नगरीय निकायों और ग्राम पंचायतों से सुनिश्चित कराएँगे। इस कार्य में होने वाले व्यय की संपूर्ण राशि भू-स्वामी से वसूल की जाएगी। पालन नहीं किये जाने पर नियामानुसार आपराधिक एवं प्रतिबंधात्मक कार्यवाही होगी।