लघु वनोपज प्र-संस्करण अनुसंधान केन्द्र बरखेड़ा पठानी भोपाल में मेघालय से आए प्रतिभागियों की 7 दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ सीईओ डॉ. दिलीप कुमार ने किया। उद्यमिता से संबंधित प्रशिक्षण कार्यशाला में कौशल विकास और हर्बल आयुर्वेदिक औषधियों से उद्यमिता विकास के महत्व को प्रोत्साहन देने के गुर सिखाये जायेंगे। कार्यशाला में 18 प्रतिभागी उद्यमिता का प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे।
डॉ. दिलीप कुमार ने बताया कि कौशल विकास और प्रदेश में उपलब्ध हर्बल संसाधनों का उपयोग कर आय के स्त्रोत बढ़ाने के लिए प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया जाएगा। सीईओ डॉ. दिलीप कुमार ने प्रतिभागियों को मध्यप्रदेश में उपलब्ध जैव-विविधता और मेघालय राज्य में उपलब्ध जैव-विविधता में उपयोगिता, कौशल विकास और उद्यमिता के जरिए स्वयं का राज्य के विकास में महती भूमिका की विस्तृत जानकारी दी गई।
प्रशिक्षण कार्यशाला में रोजाना तकनीकी और प्रायोगिक सत्र होंगे। इसमें आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों के उत्पादन, गुणवत्ता परीक्षण, औषधि निर्माण आदि विषयों पर गहन चर्चा होगी।