2047 के भारत को गढ़ने का जिम्मा शिक्षकों पर : स्कूल शिक्षा राज्य श्री परमार
भोपाल :
स्कूल शिक्षा (स्वतंत्र प्रभार) एवं सामान्य प्रशासन राज्य मंत्री श्री इन्दर सिंह परमार ने कहा है कि शिक्षक का महत्व हमारे देश की परंपरा में सर्वोच्च एवं सर्वश्रेष्ठ रहा है। भारत का शिक्षा के क्षेत्र में अपना अलग इतिहास रहा है, दुनिया के लोग यहाँ शिक्षा ग्रहण करने आते थे। शिक्षक के सम्मान को पुनः समाज में स्थापित करने की आवश्यकता है। इसके लिए सरकार, समाज और शिक्षकों को एक साथ पहल करनी होगी। मंत्री श्री परमार ने कहा कि विश्व के मानचित्र में वर्ष 2047 का शक्तिशाली और गौरवशाली भारत निर्माण करने का जिम्मा भी शिक्षकों पर ही है। शिक्षकों को ऐसी युवा शक्ति गढ़नी होगी, जो वर्ष 2047 का भारत गढ़ने में योगदान दें। श्री परमार ने कहा कि भारत की संकल्पना को पूरा करने के लिए श्रेष्ठ नागरिक निर्माण का ध्येय लेकर शिक्षकों को प्रभावी प्रेरक बनना होगा।
राज्य मंत्री श्री परमार ने कहा कि शिक्षक से राष्ट्रपति तक का सफर करने वाले आदर्श शिक्षक डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन प्रेरणा स्त्रोत है। उन्होंने कोरोनाकाल के संकट के बीच शिक्षकों के योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि कोरोना संकट के कालखंड में शिक्षकों के अथक परिश्रम एवं कर्त्तव्यनिष्ठा ने मध्यप्रदेश को “राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वे” में देश में 17वें से 5वें पायदान पर पहुँचाया है। मंत्री श्री परमार ने कहा कि राज्य सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में व्यापक उत्थान एवं पारदर्शिता पूर्ण “स्थानांतरण नीति 2023” एवं “शिक्षक प्रशिक्षण नीति” जारी की है। श्री परमार ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 दुनिया के सबसे बड़े मंथन से होकर तैयार हुई है और इसे धरातल पर उतारने का जिम्मा भी शिक्षकों पर ही है। मंत्री श्री परमार ने विद्यार्थियों के मूल्यांकन को लेकर कहा कि बिना पैमाना तय किए शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार नहीं किया जा सकता। इसके लिए राज्य के सभी शासकीय, अशासकीय स्कूलों में कक्षा 5वीं एवं 8वीं की परीक्षाएँ इस सत्र से बोर्ड पैटर्न पर करवाई जाएंगी।
अध्यक्ष पतंजलि संस्कृत संस्थान भोपाल श्री भरत बैरागी ने कहा कि शिक्षक भारत भाग्य विधाता है। शिक्षक सृजन और विसर्जन दोनों करता है। शिक्षक बीज की भांति खुद को गला कर नवांकुर प्रस्फुटित करता है। शिक्षक अपने लिए नहीं जीता, शिक्षक ऋषि परंपरा का द्योतक है।
प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा श्रीमती रश्मि अरुण शमी ने कहा कि बच्चों के पहले शिक्षक उनके माता-पिता होते हैं। श्रीमती शमी ने शिक्षकों के टीचर्स लर्निंग मटेरियल जैसे नवाचार एवं शिक्षा क्षेत्र में उत्कृष्टता की संस्कृति के विकास की सराहना की।
“राज्य स्तरीय शिक्षक पुरस्कार – 2022” के लिए प्रदेश के 14 शिक्षक को सम्मानित किया गया। इनमें प्राथमिक श्रेणी में 8 एवं माध्यमिक श्रेणी में 6 शिक्षक शामिल है। प्राथमिक श्रेणी में श्रीमती ममता शर्मा, शा०प्र०शाला रघुनाथपुरा खिलचीपुर जिला राजगढ़, श्री के०के०कुल्मी शा०क०मा०वि० दशहरा मैदान उज्जैन, श्री विपिन कुमार फौजदार स०शि० शा०प्रा०शाला सलगापुर संकुल शाहपुर जिला नरसिंहपुर, श्री केशरी प्रसाद तिवारी शा०पूर्व मा०वि०मार्तण्ड रीवा, श्री अरुण कुमार पटेरिया शा०मा०शाला चिकटा जिला निवाड़ी, श्रीमती सरिता सिंह प्रा०शि० शा०प्रा०शाला बालक अनूपपुर, श्री घनश्याम प्रसाद यादव मा०शि० शा०क० प्रा० आश्रम शाला चिढ़ार मण्डला और श्री आशाराम कुशवाहा शा०प्रा०शाला मदनपुर जिला टीकमगढ़ का सम्मान किया गया।
माध्यमिक श्रेणी में श्री सुधाकर पाराशर प्राचार्य शा०सुभाष उत्कृष्ट उ०मा०वि० शिवाजी नगर भोपाल, श्री विजय कुमार श्रीवास्तव उ०मा०शि० उत्कृष्ट उ०मा०वि० विदिशा, श्री जगदीश गुजराती शा० उत्कृष्ट, उ०मा०वि० बडवानी श्रीमती ज्योत्सना मालवीय शा०हाईस्कूल हुडा झाबुआ, श्री भूपेन्द्र कुमार चौधरी शा० उ०मा०वि० चिमनाखोरी सिवनी और सुश्री सारिका घारू, शा० उ०मा०वि० सॉडिया नर्मदापुरम का सम्मान किया गया। राज्य मंत्री श्री परमार ने चयनित शिक्षकों को उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए शॉल, श्रीफल एवं प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया।
दो अन्य शिक्षक श्री राधाकृष्णन केशरी तथा श्री योगेन्द्र कोठारी और विशेष श्रेणी में राज्य विज्ञान शिक्षण संस्थान जबलपुर की सुषम्मा जॉनसन को सम्मानित किया गया। नवाचार एवं नव अनुसंधान के लिए राष्ट्रीय स्तर पर चयनित प्रदेश के मेधावी विद्यार्थियों का भी सम्मान किया गया, इनमें नर्मदापुरम से नवश्रीठाकुर, आगर मालवा से लोकेश पाटीदार एवं नीमच से मयंक जैन को सम्मानित किया गया।
उपाध्यक्ष माध्यमिक शिक्षा मंण्डल भोपाल श्रीमती रमा मिश्रा, अपर मिशन संचालक श्रीमती मनीषा सेंथिया एवं अपर संचालक श्री डी.एस.कुशवाह सहित अधिकारी उपस्थित रहे। आयुक्त लोक शिक्षण श्री अभय वर्मा ने आभार माना।