कृषि विविधीकरण की परियोजनाएँ अमल में लाने की उपलब्धि महत्वपूर्ण
मुख्यमंत्री ने की कृषि विभाग की योजनाओं की समीक्षा
भोपाल :
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्राकृतिक कृषि के इच्छुक किसानों के साथ शीघ्र ही संवाद कार्यक्रम होगा। इसमें प्राकृतिक कृषि के विशेषज्ञ भी शामिल होंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कृषि को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश में 59 हजार किसानों के पंजीयन और 28 हजार से अधिक किसानों को प्राकृतिक कृषि का प्रशिक्षण देने के कार्य को महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कृषि क्षेत्र में नैनो यूरिया, फार्म गेट एक्ट की पहल और कृषि क्षेत्र में उन्नति एप के प्रयोग की भी प्रशंसा की। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज किसान-कल्याण तथा कृषि विकास विभाग की गतिविधियों की समीक्षा कर रहे थे।
कृषि विविधीकरण में मध्यप्रदेश आगे
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कृषि के विविधीकरण के लिए मध्यप्रदेश में दो परियोजनाओं की स्वीकृति एक राष्ट्रीय उपलब्धि है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि वर्तमान में आईटीसी द्वारा औषधीय अश्वगंधा और तुलसी के 4500 एकड़ क्षेत्र में उत्पादन के साथ ही ग्रीन एंड ग्रेंस का जैविक सब्जियों और अनाज का 1235 एकड़ में उत्पादन कार्य प्रारंभ हो गया है। चार अन्य परियोजनाओं पर परीक्षण की कार्यवाई चल रही है। इनमें विदिशा जिले में हरी मटर और धनिया, रीवा, सतना, ग्वालियर, देवास, इंदौर, उज्जैन और शाजापुर में आलू उत्पादन, देवास में बाँस उत्पादन और नर्मदापुरम, सीहोर एवं छिंदवाड़ा में संतरा और अमरूद का उत्पादन भी बढ़ाने का प्रयास है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कृषि विविधीकरण में मध्यप्रदेश में किए गए ठोस प्रयास जारी रखे जाएँ। बैठक में बताया गया कि प्रदेश में 3 साल में सरसों का उत्पादन दोगुना हो गया है। वर्तमान में 12 लाख 33 हजार हेक्टेयर में सरसों का उत्पादन हो रहा है।
मोटे अनाज का महत्व जाने नागरिक, आँगनवाड़ियों में सप्ताह में 1 दिन बाटेंगे मोटा अनाज
मध्यप्रदेश में मिलेट मिशन में प्रयास बढ़ाए गए
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सप्ताह में एक दिन आँगनवाड़ी केंद्रों में बच्चों को और मध्यान्ह भोजन में विद्यार्थियों को मोटे अनाज जैसे कोदो- कुटकी के वितरण से आमजन भी मोटे अनाज के महत्व से परिचित होगा। मोटे अनाज का पोषण की दृष्टि से अधिक महत्व है। बताया गया कि गेहूँ के निर्यात के साथ अन्य उत्पादों के निर्यात के प्रयास भी बढ़ाए जा रहे हैं। प्रदेश में वर्तमान में 116 एफपीओ कार्यरत हैं। कृषि अवसंरचना निधि के क्षेत्र में भी मध्यप्रदेश अग्रणी है। बैंकों ने अब तक 3422 आवेदन सत्यापित कर 1878 करोड़ रूपए की राशि वितरित की है। प्रदेश में यूरिया, डीएपी की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।
नैनो तरल यूरिया का ड्रोन से छिड़काव का अभिनव प्रयोग
बैठक में बताया गया कि प्रदेश में तरल अर्थात नैनो यूरिया को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। इफको के सहयोग से यह कार्य हो रहा है। प्रदेश के कुछ जिलों में ड्रोन से करीब एक हजार एकड़ कृषि क्षेत्र में नैनो तरल यूरिया के छिड़काव का अभिनव प्रयोग किया गया। करीब 400 किसानों द्वारा इसे अपनाया गया। खरीफ 2022 में अब तक 6 लाख 7 हजार बोतल से अधिक नैनो तरल यूरिया का विक्रय किसानों को किया गया है। रबी 2021-22 में 16 लाख 11 हजार लाख बोतल नैनो तरल यूरिया का विक्रय किसानों को किया गया। इसका प्रचार निरंतर बढ़ रहा है। विक्रेता, समितियों के सदस्य और कृषि विभाग के माध्यम से यह प्रयास किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मध्यप्रदेश में कृषि क्षेत्र में संपन्न कार्यों को राष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण मानते हुए इन कार्यों को देश में स्थापित करने के लिए भी प्रयास करने को कहा। मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव श्री अजीत केसरी, श्री शैलेंद्र सिंह और विभिन्न विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।