भारत सरकार में एनएफएसए की संचालक डॉ. मोनिका सिंह ने कहा है कि राष्ट्रीय खाद्यान्न सुरक्षा अधिनियम-2013 में यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि सभी पात्र हितग्राहियों को प्रतिमाह सार्वजनिक वितरण प्रणाली से खाद्यान्न की उपलब्धता सुनिश्चित हो। कोई भी पात्र हितग्राही खाद्यान्न की उपलब्धता से वंचित नहीं रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि अपात्र लोगों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली की सूची से हटाने का कार्य भी प्राथमिकता से किया जाना चाहिए। केन्द्रीय दल द्वारा भी ग्वालियर और दतिया का भ्रमण कर दुकानों का निरीक्षण एवं हितग्राहियों से चर्चा की गई है। डॉ. सिंह आजादी के अमृत महोत्सव पर ग्वालियर में सेमीनार में हितग्राहियों को संबोधित कर रही थी।
राष्ट्रीय खाद्यान्न सुरक्षा अधिनियम-2013 में मध्यप्रदेश के एक करोड़ 19 लाख परिवार के 5 करोड़ 9 लाख हितग्राही को खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है। इसमें अंत्योदय परिवार को 35 किलो खाद्यान्न और प्राथमिक परिवार को 5 किलोग्राम प्रति सदस्य के मान से एक रूपए किलो की दर पर खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है। संभागीय आयुक्त श्री आशीष सक्सेना, कलेक्टर श्री कौशलेन्द्र विक्रम सिंह, संचालक खाद्य श्री दीपक सक्सेना, उप सचिव भारत सरकार श्रीमती सरोजनी रावत और केन्द्रीय दल के सदस्य उपस्थित थे।
देश में 81 करोड़ 35 लाख हितग्राही ले रहे राशन
वन नेशन-वन राशनकार्ड योजना में हितग्राही अपने राशनकार्ड से देश में कहीं से भी राशन प्राप्त कर सकता है। केन्द्र एवं राज्य सरकार सार्वजनिक वितरण प्रणाली से खाद्यान्न उपलब्ध कराने के लिए तीन हजार करोड़ रूपये व्यय कर रही है। देश में 81 करोड़ 35 लाख लोगों को सार्वजनिक वितरण से खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है।
संचालक खाद्य श्री दीपक सक्सेना ने कहा कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली से जरूरतमंद हितग्राहियों को प्रतिमाह खाद्यान्न की उपलब्धता सुनिश्चित कराना ही राष्ट्रीय खाद्यान्न सुरक्षा अधिनियम का उद्देश्य है। कोई भी जरूरतमंद व्यक्ति खाद्यान्न की उपलब्धता से वंचित नहीं रहना चाहिए। योजना में 80 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों के घर पर राशन पहुँचाने की जो पहल की गई है वह बहुत ही सराहनीय है और इसे सभी जगह लागू किया जाना चाहिए। मध्यप्रदेश में 125 लाख परिवारों को राशन पहुँचाने का काम किया जा रहा है।
श्री सक्सेना ने कहा कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली में सेल्समेन के साथ हितग्राहियों को भी बुला कर उनकी समस्याएँ सुनने और उनके निराकरण की पहल की जा रही है। मध्यप्रदेश में पूरी गारंटी के साथ हर पात्र हितग्राही के घर पर सार्वजनिक वितरण प्रणाली से खाद्यान्न की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली में खाद्यान्न वितरण कराने के कार्य में सभी का सहयोग मिल रहा है। वन नेशन-वन राशनकार्ड के आधार पर भी अब जरूरतमंद हितग्राही देश में कहीं से भी राशन ले सकता है।