वन मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह ने अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस 29 जुलाई पर पर्यावरण मित्र नागरिकों को बधाई देते हुए वन्य-जीवन के प्रति संवेदनशील बने रहने की अपील की है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश को बाघ प्रदेश बनाने में वन विभाग के मैदानी अमले, राष्ट्रीय उद्यानों के प्रबंधन अमले और वन क्षेत्रों के आस-पास रह रहे नागरिकों की महत्वपूर्ण भूमिका है। अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस यह संकल्प दोहराने का अवसर है कि बाघों के परिवार के संरक्षण और संवर्धन के प्रयासों में हम ज्यादा से ज्यादा योगदान दें।
वन मंत्री ने कहा कि प्रदेश में बाघों की संख्या में वृद्धि के लिये मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की पहल पर निरंतर प्रयास हो रहे हैं। बाघ रहवास वाले क्षेत्रों के सक्रिय और सुचारू प्रबंधन से बाघों की संख्या में लगातार वृद्धि भी हो रही है। उन्होंने कहा कि विश्व में आधे से ज्यादा बाघ भारत में हैं। मध्य भारत भू-दृश्य भारत में बाघों के अस्तित्व के लिये अत्यधिक महत्वपूर्ण है।
वन मंत्री डॉ. शाह ने राष्ट्रीय उदयानों के प्रबंधन से जुड़े संचालक से लेकर मैदानी कर्मचारियों तक सभी की मेहनत, लगन और अपनी जिम्मेदारी के प्रति सजग रहने की सराहना की है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय उदयानों के बेहतर संरक्षण से बाघों को अपना परिवार बढ़ाने में अनुकूल वातावरण मिला। प्रत्येक राष्ट्रीय उदयान ने बाघों और अन्य वन्य-प्राणियों के संरक्षण के लिये नवाचारी उपाय किये हैं। बाघों के संरक्षण के लिये गाँवों का विस्थापन कर बडे भू-भाग को जैविक दबाव से मुक्त कराया गया है, जिससे प्रदेश में बाघों के साथ अन्य वन्य-प्राणियों के रहवास क्षेत्र का विस्तार हुआ है।