24 जुलाई 2020
आपको इस देश की वो दशा दिखाते है जहाँ बेरोजगारी किस चरम पर है यह पता चलता है और दूसरी तरफ देखा जाए तो क्या हम इस भारत को आत्मनिर्भर भारत कहेंगे।
एक पढ़ी लिखी इंदौर शहर के मालवा मिल चौराहे पर आम बेच रहीं डॉ । जी हां यह महिला phd होल्डर बता रही अपनेआप को इनका नाम डॉ अंसारी है यह अंग्रेजी में शासन प्रशासन ओर प्रधानमंत्री मोदी को खरी-खोटी सुना रही है। यह इंदौर के मालवा मिल चौराहे पर आम बेच रहीं है।
दरसल मालवा मिल चौराहे पर सब्जी वालों को हटाने पहुंची नगर निगम की टीम तब हैरत में पड़ गई, जब आम बेच रहीं एक युवती डॉ. रईसा अंसारी ने उन्हें अंग्रेजी में खरीखोटी सुना दी। पहले तो उसने कार्रवाई पर सवाल उठाए, फिर बोली, अब हम लोग क्या करें, प्रधानमंत्री या कलेक्टर के घर जाकर मर जाएं या निगम के गले पड़ें? अफसर उसकी बात सुनते ही रह गए।
निगम के ठेले हटाने की कार्रवाई का विरोध करते हुए डॉ. रईसा ने कहा-
सब्जी बेचना उसका पुश्तैनी काम है। आमदनी नहीं हो रही। करें तो क्या करें? डॉ. रईसा ने बताया कि उसने 2011 में डीएवीवी से पीएचडी की है। इसके अलावा मटेरियल साइंस से एमएससी भी किया है। यह पुश्तैनी व्यापार है, इसलिए इसे ही संभाल रही हूं। वैसे भी प्राइवेट जॉब में मेरी कोई रुचि नहीं। और अब तो लोग ऐसा कह रहे हैं कि कोरोना हमारे समाज के कारण फैला है तो फिर नौकरी कौन देगा?